प्रिय बंधुओं,
यहां कुछ बहुमुल्य जानकारी उपलब्ध
करवाई जा रही है।
जो मेरे भाई-बहिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी मे दिन-रात लगे हुए है या वो जो अपने ज्ञान मे वृद्धि करने के इच्छुक है या बहुत कुछ जाननें के प्रति दृढ़ संकल्पित है। वैसे सफलता का कोई आसान रास्ता नही होता पर छोटी-छोटी पगडंडियों से राह सुगम हो जाती है।
पहले के समय मे जहां गणित,और विज्ञान की पढाई पर ही बल दिया जाता था।गणित और विज्ञान को कठिन विषय समझा जाता था।जिसका डर आज भी बच्चो के दिलों-दिमाग पर छाया हुआ है।
वर्तमान दौर मे इतिहास एवं सामान्य ज्ञान पर ही बल दिया जा रहा है क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं मे अधिक अंक लाने के लिए आपको सामान्य ज्ञान होना बहुत जरूरी है और समय की मांग भी है।
तो मित्रों शुरू से ही यदि हम सामान्य ज्ञान का अध्ययन निरन्तर करते रहे तो हमें ज्यादा परेशानियों का सामना नही पड़ता।
सामान्य ज्ञान याद रखने का केवल और केवल एक ही तरीका होता है सुबह सुबह ध्यान एवं योगा और सामान्य ज्ञान का समय समय पर दोहराव।
अंत मे मै उम्मीद करता हूं कि प्रस्तुत जानकारी आप लोगो के लिए उपयोगी होगी।
अगर लिखते समय कोई भूल हुई हो या आप कोई सुझाव देना चाहे कि आप किसके बारें मे जानकारी चाहते है तो कृपया करके मुझे अवगत करायें।
अगर मेरी वजह से किसी भी भाई बहिन के ज्ञान मे वृद्धि हुई तो मै अपने आपको भाग्यशाली समझूंगा।
*जन्म-खड़नाल(नागौर)
*सर्वाधिक पूजा-अजमेर मे
*सर्पदंश-सुरसुरा(किशनगढ)
*थान पर बैठने वाला भोपा-घोड़ला
*घोड़ी-लीलण/सिणगारी
*राजस्थान का सबसे बड़ा पशु मेला-वीर तेजाजी पशु मेला(परबतसर,नागौर),तेजाजी दशमी को ही
*तेजाजी का मेला-भादवा सुदी दशमी,तेजा दशमी(ब्यावर)
*शिष्या-लाछा गुजरी
*युद्ध-मेर के मीणाओ से
*चबूतरा-तेजाजी का थान कहलाता है।
*अन्य नाम-परम गौरक्षक व गायो के मुक्ति दाता,काला एवं बाला के देवता,कृषि कार्यो के उपकारक देवता,तलवारधारी अश्वारोही योद्धा
*आराध्य देव-जाट जाति
*इनकी जीभ को सर्प द्वारा डसते हुए दिखाया जाता है।
Trick:'तेज पे तारा'
तेजाजी
पेमल दे(पत्नी)
ताहड़ जी(पिता)
राजकुँवर(माता)
*अजमेर जिले मे इनके थान-
Trick:'सब भाव से'
स-सुरसुरा
ब-ब्यावर
भा-भांवतां
से-सेंदरिया
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