प्रिय बंधुओं,
यहां कुछ बहुमुल्य जानकारी उपलब्ध
करवाई जा रही है।
जो मेरे भाई-बहिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी मे दिन-रात लगे हुए है या वो जो अपने ज्ञान मे वृद्धि करने के इच्छुक है या बहुत कुछ जाननें के प्रति दृढ़ संकल्पित है। वैसे सफलता का कोई आसान रास्ता नही होता पर छोटी-छोटी पगडंडियों से राह सुगम हो जाती है।
पहले के समय मे जहां गणित,और विज्ञान की पढाई पर ही बल दिया जाता था।गणित और विज्ञान को कठिन विषय समझा जाता था।जिसका डर आज भी बच्चो के दिलों-दिमाग पर छाया हुआ है।
वर्तमान दौर मे इतिहास एवं सामान्य ज्ञान पर ही बल दिया जा रहा है क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं मे अधिक अंक लाने के लिए आपको सामान्य ज्ञान होना बहुत जरूरी है और समय की मांग भी है।
तो मित्रों शुरू से ही यदि हम सामान्य ज्ञान का अध्ययन निरन्तर करते रहे तो हमें ज्यादा परेशानियों का सामना नही पड़ता।
सामान्य ज्ञान याद रखने का केवल और केवल एक ही तरीका होता है सुबह सुबह ध्यान एवं योगा और सामान्य ज्ञान का समय समय पर दोहराव।
अंत मे मै उम्मीद करता हूं कि प्रस्तुत जानकारी आप लोगो के लिए उपयोगी होगी।
अगर लिखते समय कोई भूल हुई हो या आप कोई सुझाव देना चाहे कि आप किसके बारें मे जानकारी चाहते है तो कृपया करके मुझे अवगत करायें।
अगर मेरी वजह से किसी भी भाई बहिन के ज्ञान मे वृद्धि हुई तो मै अपने आपको भाग्यशाली समझूंगा।
*नैणसी ने 26 प्रतिहार शाखाओ का उल्लेख किया है।
*जिनमे मुख्य दो शाखाएं है-मंडौर शाखा एवं भीनमाल शाखा
Trick:मना भीना भोज महेन्द्र
*मना-मंडौर शाखा-शासक नागभट्ट था।इसने अपनी राजधानी मंडौर से बदलकर मेड़ता को बनाया।
*भीना-भीनमाल शाखा-शासक नागभट्ट द्वितीय-प्रतिहार-पाल-राष्ट्रकूट संघर्ष का प्रतिनिधि।
*भोज-मिहिर भोज-प्रतिहारो का सबसे शक्तिशाली शासक।
*उपनाम-भोज प्रथम,प्रभास,आदिवराह
*भोज द्वारा रचित ग्रंथ-श्रृंगार प्रकाश,युक्ति कल्पतरू,राज मृंगाक।
*महेन्द्र-महेन्द्र पाल-इनके समय दरबारी कवि राजशेखर ने निम्न ग्रंथो की रचना की-बाल भारत,बाल रामायण,कर्पूर मंजरी
विशेष-अरब यात्री सुलेमान भोज को इस्लाम का सबसे बड़ा शत्रु बताया।
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