प्रिय बंधुओं,
यहां कुछ बहुमुल्य जानकारी उपलब्ध
करवाई जा रही है।
जो मेरे भाई-बहिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी मे दिन-रात लगे हुए है या वो जो अपने ज्ञान मे वृद्धि करने के इच्छुक है या बहुत कुछ जाननें के प्रति दृढ़ संकल्पित है। वैसे सफलता का कोई आसान रास्ता नही होता पर छोटी-छोटी पगडंडियों से राह सुगम हो जाती है।
पहले के समय मे जहां गणित,और विज्ञान की पढाई पर ही बल दिया जाता था।गणित और विज्ञान को कठिन विषय समझा जाता था।जिसका डर आज भी बच्चो के दिलों-दिमाग पर छाया हुआ है।
वर्तमान दौर मे इतिहास एवं सामान्य ज्ञान पर ही बल दिया जा रहा है क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं मे अधिक अंक लाने के लिए आपको सामान्य ज्ञान होना बहुत जरूरी है और समय की मांग भी है।
तो मित्रों शुरू से ही यदि हम सामान्य ज्ञान का अध्ययन निरन्तर करते रहे तो हमें ज्यादा परेशानियों का सामना नही पड़ता।
सामान्य ज्ञान याद रखने का केवल और केवल एक ही तरीका होता है सुबह सुबह ध्यान एवं योगा और सामान्य ज्ञान का समय समय पर दोहराव।
अंत मे मै उम्मीद करता हूं कि प्रस्तुत जानकारी आप लोगो के लिए उपयोगी होगी।
अगर लिखते समय कोई भूल हुई हो या आप कोई सुझाव देना चाहे कि आप किसके बारें मे जानकारी चाहते है तो कृपया करके मुझे अवगत करायें।
अगर मेरी वजह से किसी भी भाई बहिन के ज्ञान मे वृद्धि हुई तो मै अपने आपको भाग्यशाली समझूंगा।
*जन्म-भादवा सुदी द्वितीया को उंडू काश्मीर गाँव(वर्तमान बाड़मेर जिले की शिव तहसील) मे हुआ था।
*गुरू-बालीनाथ जी(बालकनाथ)
*अन्य नाम-रामसापीर,रूणेचा के धणी,बाबा रामदेव,लीला रा असवार
*पद चिह्न-पगल्ये
*मेघवाल भक्त-रिखिया कहलाते है
*घोड़े का नाम-लीला
*मेला-साम्प्रदायिक सदभाव का प्रतीक
*परम भक्त-डाली बाई(धर्म बहिन)
*जागरण-जम्मा कहलाता है
*पंथ-कामड़िया पंथ
*रचना-चौबीस बाणीया
*पंचरंगी ध्वजा-नेजा
*नृत्य-तेरहताली(कामड़ जाति)
*मंदिर-रामदेवरा(जैसलमेर)
*
Trick:"राम ने आज मना करदी"
रामदेवजी
नेतल दे(पत्नी)
अजमल जी(पिता)
मैना दे(माता)
सुगना बाई(बहिन)
विशेष-रामदेवजी एकमात्र ऐसे लोकदेवता थे,जो एक प्रसिद्ध कवि भी थे।
यहां कुछ बहुमुल्य जानकारी उपलब्ध
करवाई जा रही है।
जो मेरे भाई-बहिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी मे दिन-रात लगे हुए है या वो जो अपने ज्ञान मे वृद्धि करने के इच्छुक है या बहुत कुछ जाननें के प्रति दृढ़ संकल्पित है। वैसे सफलता का कोई आसान रास्ता नही होता पर छोटी-छोटी पगडंडियों से राह सुगम हो जाती है।
पहले के समय मे जहां गणित,और विज्ञान की पढाई पर ही बल दिया जाता था।गणित और विज्ञान को कठिन विषय समझा जाता था।जिसका डर आज भी बच्चो के दिलों-दिमाग पर छाया हुआ है।
वर्तमान दौर मे इतिहास एवं सामान्य ज्ञान पर ही बल दिया जा रहा है क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं मे अधिक अंक लाने के लिए आपको सामान्य ज्ञान होना बहुत जरूरी है और समय की मांग भी है।
तो मित्रों शुरू से ही यदि हम सामान्य ज्ञान का अध्ययन निरन्तर करते रहे तो हमें ज्यादा परेशानियों का सामना नही पड़ता।
सामान्य ज्ञान याद रखने का केवल और केवल एक ही तरीका होता है सुबह सुबह ध्यान एवं योगा और सामान्य ज्ञान का समय समय पर दोहराव।
अंत मे मै उम्मीद करता हूं कि प्रस्तुत जानकारी आप लोगो के लिए उपयोगी होगी।
अगर लिखते समय कोई भूल हुई हो या आप कोई सुझाव देना चाहे कि आप किसके बारें मे जानकारी चाहते है तो कृपया करके मुझे अवगत करायें।
अगर मेरी वजह से किसी भी भाई बहिन के ज्ञान मे वृद्धि हुई तो मै अपने आपको भाग्यशाली समझूंगा।
*जन्म-भादवा सुदी द्वितीया को उंडू काश्मीर गाँव(वर्तमान बाड़मेर जिले की शिव तहसील) मे हुआ था।
*गुरू-बालीनाथ जी(बालकनाथ)
*अन्य नाम-रामसापीर,रूणेचा के धणी,बाबा रामदेव,लीला रा असवार
*पद चिह्न-पगल्ये
*मेघवाल भक्त-रिखिया कहलाते है
*घोड़े का नाम-लीला
*मेला-साम्प्रदायिक सदभाव का प्रतीक
*परम भक्त-डाली बाई(धर्म बहिन)
*जागरण-जम्मा कहलाता है
*पंथ-कामड़िया पंथ
*रचना-चौबीस बाणीया
*पंचरंगी ध्वजा-नेजा
*नृत्य-तेरहताली(कामड़ जाति)
*मंदिर-रामदेवरा(जैसलमेर)
*
Trick:"राम ने आज मना करदी"
रामदेवजी
नेतल दे(पत्नी)
अजमल जी(पिता)
मैना दे(माता)
सुगना बाई(बहिन)
विशेष-रामदेवजी एकमात्र ऐसे लोकदेवता थे,जो एक प्रसिद्ध कवि भी थे।
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