प्रिय बंधुओं,
यहां कुछ बहुमुल्य जानकारी उपलब्ध
करवाई जा रही है।
जो मेरे भाई-बहिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी मे दिन-रात लगे हुए है या वो जो अपने ज्ञान मे वृद्धि करने के इच्छुक है या बहुत कुछ जाननें के प्रति दृढ़ संकल्पित है। वैसे सफलता का कोई आसान रास्ता नही होता पर छोटी-छोटी पगडंडियों से राह सुगम हो जाती है।
पहले के समय मे जहां गणित,और विज्ञान की पढाई पर ही बल दिया जाता था।गणित और विज्ञान को कठिन विषय समझा जाता था।जिसका डर आज भी बच्चो के दिलों-दिमाग पर छाया हुआ है।
वर्तमान दौर मे इतिहास एवं सामान्य ज्ञान पर ही बल दिया जा रहा है क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं मे अधिक अंक लाने के लिए आपको सामान्य ज्ञान होना बहुत जरूरी है और समय की मांग भी है।
तो मित्रों शुरू से ही यदि हम सामान्य ज्ञान का अध्ययन निरन्तर करते रहे तो हमें ज्यादा परेशानियों का सामना नही पड़ता।
सामान्य ज्ञान याद रखने का केवल और केवल एक ही तरीका होता है सुबह सुबह ध्यान एवं योगा और सामान्य ज्ञान का समय समय पर दोहराव।
अंत मे मै उम्मीद करता हूं कि प्रस्तुत जानकारी आप लोगो के लिए उपयोगी होगी।
अगर लिखते समय कोई भूल हुई हो या आप कोई सुझाव देना चाहे कि आप किसके बारें मे जानकारी चाहते है तो कृपया करके मुझे अवगत करायें।
अगर मेरी वजह से किसी भी भाई बहिन के ज्ञान मे वृद्धि हुई तो मै अपने आपको भाग्यशाली समझूंगा।
Trick: बकवाद मईबाज
ट्रिक के दो शब्दो मे पहले के दो अक्षर जगह का नाम एवं बाद के दो अक्षर क्रमश: संबंधित व्यक्ति का नाम है।
*बम्बई-1885-वा-व्योमेशचंद्र बनर्जी-पहले ईसाई अध्यक्ष
*कलकत्ता-1886-द-दादा भाई नौरोजी-पहले पारसी अध्यक्ष
*मद्रास-1887-बा-बदरूद्यीन तैयब-पहले मुस्लिम अध्यक्ष
*इलाहाबाद-1888-ज-जॉर्ज यूल-पहले अंग्रेज अध्यक्ष
विशेष:1885 ई.मे भारत के राज्य सचिव लॉर्ड क्रॉस थे।
कांग्रेस के पिता:ए.ओ.ह्यूम
ए.ओ.ह्यूम अपना राजनीतिक गुरु गोविन्द रानाडे को मानते थे।
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