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व्यक्तित्व का वर्गीकरण-जुंग/युंग

प्रिय बंधुओं,
               यहां कुछ बहुमुल्य जानकारी उपलब्ध
करवाई जा रही है।
जो मेरे भाई-बहिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी मे दिन-रात लगे हुए है या वो जो अपने ज्ञान मे वृद्धि करने के इच्छुक है या बहुत कुछ जाननें के प्रति दृढ़ संकल्पित है। वैसे सफलता का कोई आसान रास्ता नही होता पर छोटी-छोटी पगडंडियों से राह सुगम हो जाती है।
पहले के समय मे जहां गणित,और विज्ञान की पढाई पर ही बल दिया जाता था।गणित और विज्ञान को कठिन विषय समझा जाता था।जिसका डर आज भी बच्चो के दिलों-दिमाग पर छाया हुआ है।
वर्तमान दौर मे इतिहास एवं सामान्य ज्ञान पर ही बल दिया जा रहा है क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं मे अधिक अंक लाने के लिए आपको सामान्य ज्ञान होना बहुत जरूरी है और समय की मांग भी है।
तो मित्रों शुरू से ही यदि हम सामान्य ज्ञान का अध्ययन निरन्तर करते रहे तो हमें ज्यादा परेशानियों का सामना नही पड़ता।
सामान्य ज्ञान याद रखने का केवल और केवल एक ही तरीका होता है सुबह सुबह ध्यान एवं योगा और  सामान्य ज्ञान का समय समय पर दोहराव।
अंत मे मै उम्मीद करता हूं कि प्रस्तुत जानकारी आप लोगो के लिए उपयोगी होगी।
अगर लिखते समय कोई भूल हुई हो या आप कोई सुझाव देना चाहे कि आप किसके बारें मे जानकारी चाहते है तो कृपया करके मुझे अवगत करायें।
अगर मेरी वजह से किसी भी भाई बहिन के ज्ञान मे वृद्धि हुई तो मै अपने आपको भाग्यशाली समझूंगा।




(१) अन्तर्मुखी-इस प्रकार के व्यक्ति अपने विचारो को व्यक्त करते समय संकोच करते है।ये स्वभाव से संकोची होते है।ये किसी से मिलना और बोलना कम ही पसंद करते है।इनकी पढने मे रुचि अधिक होती है।ये आदर्शवादी होते है।

(२)बहिर्मुखी-ऐसे व्यक्ति सामाजिक कार्यो मे बढ चढके हिस्सा लेते है।स्वभाव से ये वाकपटु होते है। ये आत्मविश्वासी होते है और बाहरी दुनिया के प्रति सजग रहते है।

(३)उभयमुखी-इनमे अन्तर्मुखी और बहिर्मुखी दोनो प्रकार के गुण पाए जाते है।ये परिस्थिति के अनुसार अपने विचार व्यक्त करते है।
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